reading habits Padhae ko apne jivan ka hisa kaise banae

Reading Habits

हमें अपनी reading habits को बढ़ाना चाहिए।पढ़ना, न सिर्फ एक अच्छा कौशल है बल्कि यह एक तरीका भी है | हम पढ़ने के सही तरीके सीखेगे।
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पढ़ने की आदत को कैसे विकसित करें ? .

आज हम बताएँगे कि पढ़ने की आदत (reading habits)को कैसे विकसित किया जा सकता है | पढ़ना, न सिर्फ एक अच्छा कौशल है बल्कि यह एक तरीका भी है | जो हमारे रचनात्मक ,सूचनात्मक,और प्रेरणा दायक साहित्यक जीवन के अनुभवों से जुडा है | किसी भी कौशल में माहिर बनने के लिए समय और समर्पण दोनों की आवश्यकता होती है | पढ़ने की अच्छी आदत को जीवन से जोड़कर हम अपने जीवन को सरल और सफल बना सकते हैं |
पढ़ने की आदत का विकास –


1.पढ़ने के तरीके में सुधार लायें (improve reading habbits prosijure)–

पढने की अच्छी आदत हेतु सर्वप्रथम हमें अपने पढने के तरीकों में सुधार लाना होगा |मन को एकाग्रचित करना होगा ,अपने अन्दर के आनंद को जगाना होगा | अतः नीचे दिए हुए महत्वपूर्ण सुझावों को ध्यान से पढ़ें

पाठ के भाव को समझें –

किसे भी पाठ में या पैराग्राफ में किसे व्यक्ति विशेष की बात हो रही होती है जिसे समझना बहुत ही ,, जरुरी होता है , यह तबी संभव होगा जब दिमाग में सकारात्मक विचार हों ,पढ़ने की इच्छा शक्ति प्रबल हो |

सामिग्री के लिए पढ़ें –

जब भी पढ़ें कुछ न कुछ सीखने का प्रयत्न करे |पैराग्राफ के भाव के साथ साथ उसके समर्थन के कारणों को भी समझान होगा | एक अन्य उपाय यह भी है की जब भी हम पड़ने बैठें तो हमारे हाथ में पेन्सिल होनी चाहिये ताकि महत्वपूर्ण लाइनों को नोट किया जा सके या अंडर लाइन किया जा सके |

सन्दर्भ की सराहना को समझें –

अक्सर हम देखते हैं की पाठ में किसी साहित्यिक ,ऐतिहासिक ,या सामाजिक या लेखक के बारे में बात होती है या यूँ कहें उस बारे में कोई सुराग प्राप्त होता है |हर छोटी सी राशि के द्वारा उस सराहना को समझें 


अपरचित शब्दों पर ध्यान दे –

मरियम वेबस्टर ऑनलाइन अपरचित शब्द को परिभाषित करने का एक अच्छा व् अद्भुत संसाधन है |ऐसे शब्द की एक लिस्ट तेयार करें और इसकी सहायता से विभिन्न अर्थ जानने को मिलेंगे |


साहित्यक उपकरणों से परिचित हों –

यदि आप छोटी कहानी या नोबेल पढने के शोकीन हैं तो आपको इससे संबन्धित चीजो को भी समझना होगा ,जेसे- अलंकार ,रस ,व्याकरण |इन सभी चीजो का अध्ययन भी बहुत जरुरी है।


जल्दी मत करो –

हमेशा सीखने के लिए पढ़ें , जल्दी न करें | बजाय इसके पूरा समय लें |सही से समझें और खुद में बदलाब लायें |यदि आप धीमा पड़ते हैं तो इस बात को अपने आप पर हावी न होने दें | आत्मविस्वास सर्वो परी होता है उसे बरकरार रखें |


2.पढने की सामिग्री को साथ रखें (collect reading books)–

एक क्रिकेट का खिलाडी बिना क्रिकेट के सामान के अभ्यास नहीं कर सकता है ठीक इसी प्रकार पड़ने के छेत्र में भी यही नियम लागू होता है | आगे उसी से सम्बंधित कुछ सुझाव दिए गए हैं ।


किताबों का सही चुनाव –

हमें सबसे पहले पड़ने के लिए सही किताबों का चयन करना होगा | अर्थ यह है की सबसे पहले उन किताबों का चयन करना होगा जिनमें हमको अधिक रूचि हो जिससे पड़ने की छमता का विकास हो |


पुस्तकालय जायें –

यधपि अब तो हर छोटे कस्बे में पुस्तकालय मोजूद है ,जो की अच्छी किताबों से सुसज्जित है |बहां अवश्य जायें और नियमित अभ्यास करें ,एकाग्रचित होके पढ़ें |


E- READER पर विचार करें –

बार्न्स, नोबेल और अमेजन ने E- READER हेतु डिजिटल किताबों का एक बड़ा चयन किया है |वेसे अक्सर पुस्तकालय मुफ्त में किताबें तथा ऋण भी प्रदान करते हैं |


ऑनलाइन देखें –

विस्वविद्यालय पुस्तकालयों के माध्यम से हर महत्वपूर्ण ग्रन्थ या किताबें ऑनलाइन ही प्राप्त करा देते हैं | उदहारण के लिए ” प्रोजेक्ट गुटेनबर्ग ” के लिए बर्तमान में चेपल हिल में उत्तरी केरोलिना विस्वविध्यालय के माध्यम से बर्तमान में ५०,००० निबंध ,उपन्यास तथा लघु कहानियां हैं ,और ओसतन ५० नए उपन्यास हर सप्ताह प्राप्त होते हैं |


3.रोजाना की जिंदगी को पढ़ने के तरीको से जोडें(attach you daily life routine with reading habits) –

रोजाना पढ़ने की प्रिक्रिया को दैनिक जीवन से जोड़कर हम अपने पढ़ने की प्रिक्रिया को और अधिक विकसित कर सकते हैं |


पुस्तक क्लब में शामिल हों –

आम तोर पर हम साप्ताहिक और मासिक पुस्तकों का अध्ययन कर सकते हैं और यह हमें अधिक पढ़ने की ओर प्रेरित करता है | जो व्यक्ति पहले से इसका अध्ययन कर रहे होते हैं उनके संपर्क में रहे |बुद्धिमान लोगों से चर्चा करके हम अपनी पढ़ने की रुची को और अधिक विकसित कर सकते हैं |


पढ़ने के लिए सही समय व् स्थान का चयन –

समय जीवन का सबसे महत्वपूर्ण अंग है | सही मायने में देखा जाए तो समय ही सबसे बड़ा धन है | इसलिए समय का विशेष ख्याल रखें| यदि आपके पास कोई एकांत कमरा हो तो नियमित बहां पढ़ने जायें | या कोई चाय ,कोफ़ी की अच्छी दूकान , जहाँ आप अपना समय बिताते हों ,ऐसे जगह अपनी पढ़ने की किताबें ले जायें | यह आपके लिए अच्छा साबित हो सकता है |


रोजाना व साप्ताहिक लक्ष्य –

प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन में कोई न कोई लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए | और अपने लक्ष्य तक पहुँचने हेतु हर संभव प्रयत्न करने चाहिए |इसी तरह पढ़ने की आदत हेतु भी आप रोजाना व साप्ताहिक लक्ष्य निर्धारित करें | समय सारिणी तेयार करें ,उसी के अनरूप कार्य करें |


4. निर्णय लें कि क्या पढ़ें (deside who read)–


अपने निजी हितों पर विचार करें –

पढ़ने के कौशल को सुधारने हेतु अपने निजी हितों को भी इसमें शामिल करें | अगर आपको कहानियां पढ़ना अच्छा लगता है तो यह अच्छी बात है क्योंकि कहानी पढने में आपको रूचि भी है और आपका निजी हित भी इसमें सामिल है | इस तरह बही पढ़ें जिसमे मन लगे या मन संतोष जनक रहे |


मित्रों से सहायता लें –

बातचीत द्वारा हर समस्या का निदान किया जा सकता है और यह बात हम सभी भली भाँती समझते हैं |मित्रो से सहायता लें की किस विषय पर पढ़ना अधिक फायदे मंद साबित होगा |उन पुस्तकों का पता लगायें जिनसे आनंद की अनुभूति हो |


लोकल बुक स्टोर पर जायें –

यदि घर के पास ही कोई अच्छा बुक स्टोर है तो बहां जरुर जायें |कुछ पुस्तक विक्रेता पढ़ने के अधिक शोकीन होते हैं जो हमें भी इसके लिए प्रेरित करेंगे |


पढ़ने की सूची बनाएं –

यह बहुत ही जरुरी है की हमारे द्वारा पढ़े जाने वाली हर पुस्तक की एक सूचि तेयार की जाये | जेसे- कहानी की अलग सूचि ,उपन्यास की अलग सूचि ,कविताओं व निबंध की अलग सूचि , इस तरह हम अपने कीमती समय को बचा सकते हैं | goodreads.com एक अच्छा स्थान है जो इसे और भी रुचिकर बनाता है |


5.पढाई को जीवन का हिस्सा बनाएं(create reading part of you life) –


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मैं आशा करता हूँ कि ये Post आपको पसंद आया होगा |आपको reading habits की सारी जानकारी मिल गइ होगी।अगर आपको पसंद आया हो, तो इसे अपने Friends के साथ Share जरूर करे | और यदि आपको इस Post से Related कोई भी Question पूछना हो तो Comment box में Comment करके पूछ सकते हैं | और आपका हमारी इस Post पर आने के लिए धन्यवाद…….

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